डेस्कटाॅप डेस्क आॅक्यूपाई करता है, लैपटाॅप लैप और पामटाॅप पाम…ऐस में ब्रेन टाॅप क्या गुल खिलाएगा, अंदाजा लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है. साइंटिस्ट्स ने एक ऐसा ह्यूमन टू ह्यूमन इंटरफेस सिस्टम डेवेलप किया है, जिसमें एक पर्सन एक स्पेशल इंटरफेस यूज करके दूसरे के थाॅट्स को जान सकता है और कंट्रोल कर सकता है.

इस ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस पर साइंटिस्ट्स लंबे समय से काम करते रहे हैं. वाशिंगटन यूनिवर्सिटी में मैन टू मैन ब्रेन इंटरेक्शन के सफल प्रयोग से पहले ड्यूक यूनिवसिर्टी के रिसर्चरों ने दो चूहों के बीच और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने इंसान और चूहे के बीच ब्रेन टु ब्रेन काॅन्टेक्ट इस्टेब्ल्शि करने में सफलता हासिल की थी.
कुछ फ्यूचरिस्ट साइंटिस्ट्स का मानना है कि ईयर 2045 तक इंसान अपने ब्रेन को ही कंप्यूटर पर अपलोड करने में कामयाब हो जाएगा.