मिट्टी से बना शरीर मिट्टी में मिल जाना है… आपने अक्सर ये कहावत सुनी होगी. लेकिन इस प्रक्रिया को विज्ञान की मदद से और तेज गति दी है, नीदरलैंड की एक कंपनी लूप बायोटेक ने.

इस कंपनी ने बायोडीग्रेडबल कॉफिन के नाम से माइसीलियम फंगस यानी लिविंग मशरूम से बना एक ताबूत लॉन्च किया है. यह इंसान की डेड बॉडी शव को तेजी से डिकंपोज करके पूरी तरह खाद में बदल देगा. अमूमन लकड़ी से बने ताबूत और उसमें रखे शव को डिंकपोज होने में 25-30 साल लग जाते हैं. इसके अलावा लकड़ी के इस्तेमाल में पेड़ों की जो कटाई होती है, उससे पर्यावरण पर भी काफी असर पड़ता है.
यह एक इको फ्रेंडली खोज है, जिसका मकसद पौधों और मिट्टी को फायदा पहुंचाना था. कंपनी का दावा है कि इस ताबूत में डेढ़ महीने के अंदर इंसान का शव डिकंपोज होना शुरू हो जायेगा. जैसे-जैसे ताबूत गलता जाएगा वैसे-वैसे शव भी डिंकपोज होता जायेगा और करीब दो साल के भीतर शव पूरी तरह से डिंकपोज होकर खाद बन जायेगा और पेड़-पौधों के लिए वरदान साबित होगा. सामान्यत: शव के डिकंपोज होने में काफी कार्बन और मरक्यूरी लगती है, जिससे मिट्टी और हवा दूषित होती है. लेकिन, बायोडीग्रेडबल कॉफिन में इस्तेमाल फंगस जहरीले पदार्थों को नष्ट कर देगा.
यह ताबूत 200 किलो तक के वजन को सहने में सक्षम है. जहॉं तक कीमत का सवाल है तो इसके लिए ग्राहक को करीब सवा लाख रुपए की राशि चुकानी पड़ती है.