सभी तरह के एडिक्शन की तरह गैंबलिंग भी एक बीमारी है. ‘अगली बार’ की आस, कभी एक गैंबलर का पीछा नहीं छोड़ती और वह अपना पैसा गंवाता जाता है. इस लत का व्यावसायिक लाभ उठाने के लिए बाजार में सैंकड़ों कंपनियों ने वेबसाइट और एप्प लॉन्च कर दिए हैं, जिन्होंने बदनामी और असुविधा से बचने वाले गैंबलरों की एक बड़ी तादाद को जोड़कर इस बुराई को और विस्तार दे दिया है.

यह समस्या कितनी व्यापक है, इसका पता डब्ल्यूएचओ के इस आकलन से लगाया जा सकता है कि 2016 से विश्व भर में गैंबलिंंग करने वालों ने हर साल करीब 400 अरब डॉलर गंवाए हैं. और ऐसे लोगों की तादाद इतनी बड़ी है कि वह विश्व की 0.4% जनसंख्या को अपनी गिरफ्त में लिए हुए है.
इस समस्या का समाधान खोजने के लिए शोधकर्ताओं ने काफी काम किया है. इस समस्या की गहनता को मापने के लिए एक गेम सिमुलेशन विकसित किया है, जो जुआ खेलने वालों की रिस्क टेकिंग कैपिसिटी का आकलन करता है.
लेकिन अच्छी बात यह है कि इस एडिक्शन का उपचार है. अमेरिका की साइकियाट्रिक एसोसिएशन द्वारा प्रकाशित मानसिक विकारों के नैदानिक और सांख्यिकीय मैनुअल (डीएसएम-5) का उपयोग करके जुआ विकार का निदान किया जाता है. वहीं, यूके में भी नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड केयर एक्सीलेंस की ओर से गैंबलिंग की आदत के ट्रीटमेंट और मैनेजमेंट के लिए दिशानिर्देश भी विकसित किए जा रहे हैं, जो 2024 में प्रकाशित होने जा रहे है.
उम्मीद है कि इससे इस समस्या की गंभीरता को कम किया जा सकेगा और गैंबलिंग के शौकीनों को इसके नशे से छुटकारा दिलाया जा सकेगा.