पर्यटन का स्वर्ग माना जाने वाला मालदीव, जल्दी ही अपनी शान में एक और चॉंद लगाने की तैयारी में है. यह खास चीज है एक दुनिया का पहला तैरता शहर, जो अपनी सभी जरूरतें अपने बूते पर पूरी करेगा. एमएफसी यानी मालदीव फ़्लोटिंग सिटी की निर्माण प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

डच डॉकलैंड्स द्वारा बनाया जा रहा यह तैरता शहर, जब पॉंच साल में बनकर तैयार हो जायेगा, तो इसमें करीब बीस हजार लोग रह सकेंगे. वैसे उम्मीद की जा रही है कि इसमें रहने के लिए लोग 2024 से ही आना शुरू कर देंगे.प्रशांत महासागर की सतह पर बन रहे प्रस्तावित मालदीव फ़्लोटिंग सिटी में पॉंच हजार फ्लोटिंग यूनिट होंगी, जिनमें मकान, रेस्तरां, दुकानें, स्कूल और नहरें आदि शामिल हैं. यह राजधानी माले से केवल दस मिनट की दूरी पर है.
दरअसल, समुद्र विज्ञानी पिछले कई सालों से लगातार दुनिया को आगाह करते आ रहे हैं कि वर्ष 2030 तक समुद्र के किनारे वाले बहुत से शहर और द्वीप, सी-लेवल के बढ़ने की वजह से समुद्र की गोद में समा जायेंगे. दुर्भाग्य से मालदीव उनमें सबसे पहले शिकार बनने के कगार पर खड़ी जगहों में शामिल है. इसके ग्राउंड लेवल का 80% हिस्सा समुद्र तल से एक मीटर से भी कम ऊंचा है.
एमएफसी को इस आसन्न संकट के एक व्यावहारिक समाधान के रूप में देखा जा रहा है.