क्लाइमेट चेंज की गति और प्रभावों पर नजर रखने के लिए विश्व का सबसे बड़ा अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट निसार लॉन्च करने का सेहरा भारत के सिर बंधने जा रहा है. अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा और भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के साझा प्रोजेक्ट निसार को अगले साल जनवरी में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लांच किया जाएगा.

हर 12वें दिन यह समान कक्षा से गुजरते हुए निसार, पृथ्वी की सतह से 747 किलोमीटर ऊंचाई पर मूव करते हुए हर हफ्ते समूची धरती की अद्यतन तस्वीर उपलब्ध कराएगा. इससे मिले डेटा का उपयोग क्लाइमेट चेंज व प्राकृतिक घटनाओं को समझने और आपदा प्रबंधन में किया जाएगा. साथ ही यह पृथ्वी के हरित क्षेत्र, बायोमास, मिट्टी की नमी, वेटलैंड व मैंग्रोव असेसमेंट, तटीय बदलावों, सतह के विरूपण, वनीय बाधाओं आदि की भी निगरानी करेगा. सामान्य परिस्थितियों में इसका डेटा एक से दो दिन में और आपात स्थितियों में दो घंटे में नि:शुल्क उपलब्ध कराया जाएगा.
इस मिशन पर इसरो 778 करोड़ रुपए और नासा करीब 6000 करोड़ रुपए खर्च करेगा.