आपने उस डाकू की कहानी सुनी होगी, जिसने फाँसी के समय अंतिम इच्छा पूछे जाने पर अपनी माँ से मिलना चाहा था और माँ के आने पर उसके कान में कुछ बताने के बहाने उसका कान काट डाला और कहा कि अगर तूने बचपन में मेरे चोरी करने की शिकायत लेकर आने वालों की बात सुनी होती तो आज मुझे फाँसी पर न चढ़ना पड़ता.

चीन ने इस कहानी को कुछ ज्यादा ही गंभीरता से लिया है और बच्चों के अपराधों के लिए माता—पिता की जवाबदेही तय करने के उद्देश्य से एक ऐसा कानून लाने का फेसला किया है, जिसके अमल में आने के बाद बच्चों के किए की सजा उनके माता-पिता भुगतेंगे. कुछ—कुछ वैसे ही, जैसे हमारे देश में कुछ राज्य नाबालिगों के यातायात नियमों का उल्लंघन कर उनके माता—पिता को सजा देने का प्रावधान करते हैं.
फेमिली एजुकेशन प्रमोशन नामक इस नए कानून का मसौदा तैयार है, जिसमें सिर्फ बच्चों के बुरे व्यवहार या उनके अपराध के लिए माता-पिता को दंडित किए जाने की ही बात नहीं कही गई है, बल्कि पैरेंट्स को बच्चों के आराम करने, खेलने और कसरत करने के लिए समय की भी व्यवस्था करने के लिए कहा गया है.
समीक्षा और इस कानून को संसद की मंजूरी मिलने के बाद पूरे देश में लागू कर दिया जाएगा.