अल्ट्रावायलट लाइट यानी पराबैंगनी प्रकाश अभी तक मनुष्यों के लिए काफी घातक माना जाता रहा है. लेकिन, रिसर्चरों ने इसकी मारक क्षमता का इस्तेमाल हानिकारक वायरस और बैक्टीरिया को मारने में करने की तकनीक खोज निकाली है.

अल्ट्रावायलट लाइट के तीन लेवल होते हैं. यूवीए, यूवीबी और यूवीसी. ये सभी लेवल त्वचा और आंखों के लिए काफी नुकसानदेह माने जाते हैं. इनमें यूवीसी (अल्ट्रावायलट सी) ज्यादा खतरनाक है. पानी को साफ करने, हवा को शुद्ध करने और सतहों को संक्रमण से मुक्त करने में इसका इस्तेमाल किया जाता है, लेकिन इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि यह किसी प्राणी के सीधे संपर्क में न आए.
खबरों के मुताबिक कोलंबिया यूनिवर्सिटी में रेडियोलॉजिकल रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने कोविड जैसे वायरसों या बैक्टीरिया को इस अल्ट्रावायलट लाइट की एक किस्म फार—यूवीसी के उपयोग का सुरक्षित तरीका खोज निकाला है. रिसर्च टीम ने एक एक फार-यूवीसी लैंप तैयार किया है, जिसकी मदद से त्वचा या आंखों को नुकसान पहुंचाए बिना वायरसों को खत्म किया जा सकता है.
इस लैम्प के माध्यम से रिलीज की गई लाइट को त्वचा और आँखों की बाहरी सतह सोख लेती हैं. जिसकी वजह से प्रकाश की किरणे भीतरी कोशिकाओं तक नहीं पहुंच पाता और इन्हें कोई नुकसान पहुँचाने में सक्षम नहीं होता.