छात्रों की हर समस्या का समाधान बना ‘समाधान पोर्टल’
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प्रयागराज । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में सम्मिलित होने वाले छात्र एवं छात्राओं की सुविधा के लिए शुरू किया गया ‘समाधान’ पोर्टल उनकी हर समस्या का समाधान कर रहा है। एक माह पूर्व ही शुरू हुए इस पोर्टल पर एक माह में कुल 1847 प्रकरण अपलोड कराए गए हैं जिनमें से परिषद के सभी क्षेत्रीय कार्यालयों के माध्यम से 1694 प्रकरणों का निस्तारण किया जा चुका है। मात्र 153 प्रकरण ऐसे है जो छात्र एवं छात्राओं द्वारा प्रपत्रों को पोर्टल पर अपलोड न करने के कारण लंबित हैं। उल्लेखनीय है कि 6 जनवरी 2024 को छात्र एवं छात्राओं के प्रमाण पत्रों की त्रुटियों में सुधार करने, प्रमाण-पत्र, अंकपत्र की द्वितीय प्रतिलिपि निर्गत करने, परीक्षाफल त्रुटियों का सुधार करने एवं उनकी विभिन्न प्रकार की शिकायतों के समयबद्ध निस्तारण सहित कुल 13 प्रकार की सुविधाएं प्रदान करने के लिए माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा अभिनव पोर्टल लांच किया गया था।
सचिव माध्यमिक शिक्षा परिषद दिव्यकांत शुक्ल के अनुसार, छात्रहित से जुड़े इस पोर्टल पर प्रकरणों के निस्तारण की प्रतिदिन समीक्षा की जा रही है। इसके साथ ही परिषद के समस्त क्षेत्रीय कार्यालयों के क्षेत्रीय सचिवों द्वारा इसमें किसी भी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए इसके लिए उनसे समय-समय पर स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। इसका प्रतिफल यह रहा कि इतने कम समय में इतने अधिक प्रकरण प्राप्त हुए एवं उनका समयबद्ध निस्तारण हुआ। इससे स्पष्ट है कि इस पोर्टल से अधिकाधिक छात्र-छात्राएं एवं अभिभावक लाभान्वित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि इन सभी 13 सेवाओं में 4 को छोड़कर मात्र 15 दिन में समस्याओं का समाधान किया जा रहा है। वहीं शेष 4 सेवाओं को 30 दिन में निस्तारित किया जा रहा है। इनमें मूल प्रमाण पत्र जारी करना, प्रमाण पत्र की द्वितीय प्रतिलिपि जारी करना, संशोधित प्रमाण पत्र, जन्म तिथि में संशोधन करना एवं संसोधित अंक पत्र-जन्मतिथि में संशोधन करना सम्मिलित है।
क्षेत्रीय कार्यालयवार प्राप्त प्रकरणों पर गौर करें तो मेरठ से कुल 363 प्रकरण अपलोड किए गए, जिनमें से 338 का निस्तारण किया गया है जबकि मात्र 25 लंबित हैं। इसी तरह बरेली से 124 प्रकरण प्राप्त हुए, जिनमें से 115 का निस्तारण संपन्न किया गया और सिर्फ 9 लंबित हैं। प्रयागराज से 500 प्रकरण मिले जिनमें 453 का निस्तारण हुआ और सिर्फ 47 लंबित हैं। वहीं वाराणसी से सर्वाधिक 750 प्रकरण अपलोड किए गए, जिनमें 691 का निस्तारण संपन्न किया जा चुका है और मात्र 59 शेष हैं। वहीं गोरखपुर से 110 प्रकरण प्राप्त हुए, जिनमें से 97 का समाधान हो चुका है तो वहीं मात्र 13 लंबित हैं।