नई दिल्ली । इस बार लोकसभा चुनाव में दिल्ली में लगभग डेढ़ लाख युवा मतदाताओं की संख्या बढ़ी है और वे पहली बार मतदान करेंगे। वहीं दूसरी तरफ इस बार मतदान करने वालों में कई बुजुर्ग भी शामिल हैं, जो 100 साल की आयु का आंकड़ा पार कर चुके हैं। ऐसे बुजुर्ग मतदाताओं के लिए दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) दफ्तर की ओर से खास इंतजाम किए जा रहे हैं। बुजुर्ग मतदाताओं में युवाओं की अपेक्षा मतदान के लिए ज्यादा उत्साह रहता है। यही वजह है कि उन्हें मतदान करने के लिए जागरूक नहीं करना पड़ता है और अगर संभाव होता है तो वे व्हीलचेयर, लाठी या फिर अन्य किसी सहारे के माध्यम से कैसे भी मतदान केंद्रों पर मत प्रयोग करने के लिए पहुंच ही जाते हैं। 


- बुजुर्गों के मतदान के लिए विशेष व्यवस्था
बुजुर्गों में वोटिंग को लेकर उत्साह तो रहता है लेकिन उन्हें मतदान केंद्रों पर पहुंचने में मुश्किलों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि वे शारीरिक रूप से उतने समर्थ नहीं रह जाते हैं। दिल्ली में ऐसे बुजुर्ग मतदाताओं की संख्या पिछले लोकसभा चुनाव की तुलना में 10 गुना से ज्यादा बढ़ी है और वर्तमान में इनकी संख्या 1004 है, जिनमें 541 पुरुष जबकि 463 महिला मतदाता हैं। 


- बुजुर्गों को मिलेगी घर बैठे मतदान की सुविधा
दिल्ली के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ऑफिस की तरफ से बुजुर्गों के मतदान के लिए विशेष प्रयास किया जा रहा है। जिससे सभी बुजुर्ग मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकें। इसके लिए दो तरह की व्यवस्थाएं की जा रही हैं। जो बुजुर्ग मतदाता, घर से बाहर निकलकर मतदान केंद्र तक जाने की स्थिति में नहीं होंगे, उन्हें घर पर ही मतदान करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। वहीं, जो चल-फिर सकते हैं, उनके लिए निःशुल्क परिवहन सुविधा की व्यवस्था की जा रही है, जो उन्हें घर से मतदान केंद्र तक ले जाएगी और फिर मतदान के बाद वापस उन्हें घर तक छोड़ेगी।
- 1 लाख से ज्यादा मतदाता पार कर चुके 85 की उम्र
पिछले लोकसभा चुनाव में दिल्ली में महज 92 मतदाता ऐसे थे, जिनकी उम्र 100 या उससे अधिक थी, जबकि इस बार के चुनाव में इनकी संख्या 10 गुना से भी अधिक हो गई है। ये संख्या 1004 हो गयी है। जबकि 1 लाख 588 मतदाता ऐसे हैं, जो 85 की उम्र पार कर चुके हैं। इनमें 50 हजार 442 पुरुष मतदाता, 50 हजार 142 महिला मतदाता और 4 मतदाता थर्ड जेंडर के हैं।