तीसरे चरण की 9 सीटों पर दूसरे चरण की अपेक्षा बेहतर मतदान


भोपाल। लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण में मप्र की 9 सीटों पर दूसरे चरण के मुकाबले औसतन बेहतर मतदान माना जा सकता है। पहले चरण में 68.05 और दूसरे में 58.66 प्रतिशत वोट डाले गए थे। तीसरे चरण में 66 फीसदी से ज्यादा वोटिंग हुई है। इस बार के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा में सबसे अधिक मतदान हुआ है, वहीं  मंत्रियों विजय शाह, करण सिंह वर्मा, गोविंद सिंह राजपूत, एदल सिंह कंषाना, राकेश शुक्ला, गौतम टेटवाल, नारायण सिंह पंवार, विश्वास सारंग, कृष्णा गौर, प्रद्युम्न सिंह तोमर, नारायण सिंह कुशवाहा के क्षेत्र में उनकी सक्रियता का कोई असर नहीं दिखा है। गौरतलब है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में इन सीटों पर 66.88 फीसदी मतदान हुआ था।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के पहले दो चरणों में 2019 की तुलना में मतदान में सात से नौ प्रतिशत तक गिरावट के बाद प्रदेश सरकार के मंत्रियों तथा भाजपा, कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की साख दांव पर लगी थी। ऐसे में दोनों दलों ने मतदान बढ़ाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। भाजपा ने अधिक जोर लगाया। तीसरे चरण की नौ लोकसभा क्षेत्रों के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों में सर्वाधिक 79.44 प्रतिशत मतदान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के लोकसभा क्षेत्र विदिशा की बुधनी विधानसभा में हुआ। वह यहां से विधायक भी हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव के मुकाबले इस बार यहां लगभग पांच प्रतिशत अधिक मतदान हुआ। हालांकि, विधानसभा चुनाव में बुधनी में 84 प्रतिशत निर्वाचकों ने मत दिया था। वोटिंग बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास दिखे। वोटिंग कम होना भाजपा के लिए जरूर चिंता का विषय था, क्योंकि जब भी वोटिंग ज्यादा होती है, इसे जीत से जोड़ा जाता है, इसलिए भाजपा ने इस चरण के चुनाव में अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया। चुनाव आयोग ने वोटिंग बढ़ाने के लिए ताकत झोंकी।

10 मंत्रियों की साख गिरी

प्रदेश की 9 संसदीय सीटों पर 11 मंत्रियों की साख दांव पर लगी है। मतदान बढ़ाने की जिम्मेदारी उठाए नौ मंत्रियों का जादू अपने ही विधानसभा क्षेत्र में नहीं चला। 6 माह पहले हुए विधानसभा चुनाव की तुलना में कृषि मंत्री एंदल सिंह कंषाना की सुमावली सीट पर 19.4 प्रतिशत कम वोट डले। मंत्री विजय शाह की हरसूद में 12.76 प्रतिशत और तीन बार के विधायक राकेश सिंह की मेहगांव विधानसभा में 10.99 प्रतिशत वोट कम पड़े। सिर्फ कृष्णा गौर की गोविंदपुरा सीट पर 9.68 प्रतिशत अधिक वोट पड़े हैं। अपनी विधानसभा में रिकॉर्ड बनाने वाले 10 मंत्रियों के ही विधानसभा क्षेत्रों में कम वोटिंग ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कम वोटिंग वालों में कृषि मंत्री कंषाना टॉप पर हैं तो मंत्री विजय शाह दूसरे स्थान पर है। तीसरे नंबर पर मेहगांव से जीते राकेश शुक्ला हैं। भाजपा शीर्ष नेतृत्व की गाइडलाइन के बाद सभी ने अपने क्षेत्र में वोटिंग प्रतिशत बढ़ाने के प्रयासों के दावे किए, लेकिन इछावर में मंत्री करण सिंह वर्मा, नारायण सिंह पंवार, विश्वास सारंग, प्रद्युम्न सिंह तोमर और मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा अपनी विधानसभा में बंपर वोट कराने में बुरी तरह पिछड़ गए हैं।

मंत्री टेटवाल के में सबसे अधिक मतदान

राज्य मंत्री गौतम टेटवाल के विधानसभा क्षेत्र सारंगपुर में सबसे अधिक 78.75 प्रतिशत मतदान हुआ, जो पूरे राजगढ़ लोकसभा सीट में सर्वाधिक है। सबसे कम एंदल सिंह कंसाना के क्षेत्र में 53.10 प्रतिशत रहा, जो मुरैना लोकसभा सीट में दिमनी के बाद दूसरा सबसे कम है। यहां विधानसभा चुनाव 2023 में 72.22 प्रतिशत मतदान हुआ था। अर्थात इस बार 19 प्रतिशत मतदान कम हुआ। विधानसभा चुनाव में हुए मतदान की तुलना में मंत्रियों के क्षेत्र में यह सबसे बड़ी गिरावट है। इन नौ सीटों में सबसे कम मतदान भिंड में 55.44 प्रतिशत रहा। इसी लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली दतिया विधानसभा में 66.78 प्रतिशत निर्वाचकों ने मताधिकार का उपयोग किया। यह पूर्व मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा का विधानसभा क्षेत्र है। हाल ही में कांग्रेस छोडक़र भाजपा में आए विधायक रामनिवास रावत के क्षेत्र विजयपुर में 68. 85 और पूर्व नेता प्रतिपक्ष डा. गोविंद सिंह के क्षेत्र लहार में मतदान का प्रतिशत 52.58 रहा।

विधानसभा की अपेक्षा 9 फीसदी कम मतदान

इन 9 संसदीय क्षेत्रों में आने वाली 72 विधानसभा सीटों में 5 महीने पहले हुए चुनाव से 9 फीसदी कम वोटिंग हुई है। इनमें 49 सीटों पर भाजपा के और 23 सीटों पर कांग्रेस विधायक हैं। पूर्व सीएम शिवराज की सीट विदिशा, दिग्विजय सिंह की राजगढ़ और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की गुना सीट के साथ बैतूल में 70 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ है। हालांकि, इस चरण के वोटिंग प्रतिशत के आंकड़े अपडेट होना बाकी है। राजनीतिक जानकार कहते हैं कि भाजपा का प्रदर्शन पहले और दूसरे चरण के मुकाबले तीसरे चरण वाली सीटों पर ज्यादा बेहतर हो सकता है। कांग्रेस वोटिंग प्रतिशत को भाजपा के खिलाफ बता रही है, तो भाजपा अपने समर्थन में। यह भी बता दें कि 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सभी नौ सीटें जीती थीं। वोटिंग खत्म होने के बाद निर्वाचन आयोग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार सबसे कम वोटिंग भिंड में 54.87 फीसदी हुई, जो पिछले चुनाव की तुलना में 0.45 फीसदी कम है। विधानसभा क्षेत्र के हिसाब से देखें तो भिंड में 12 फीसदी कम वोटिंग हुई है। विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा की सभी आठ सीटों पर 67.72 फीसदी मतदान हुआ था। भिंड लोकसभा सीट से भाजपा की संध्या राय, कांग्रेस के फूल सिंह बरैया और बसपा के देवाशीष जरारिया के बीच त्रिकोणीय मुकाबला कहा जा रहा है। सबसे ज्यादा 75.39 फीसदी वोटिंग राजगढ़ लोकसभा सीट पर हुई है। पिछले लोकसभा चुनाव से ये 1 फीसदी ज्यादा है। विधानसभा चुनाव में इस लोकसभा की सभी आठ सीटों पर 84.04 फीसदी मतदान हुआ था। इस हिसाब से देखें तो इस लोकसभा चुनाव में 8 फीसदी कम वोटिंग हुई है। राजगढ़ सीट पर मुकाबला भाजपा के रोडमल नागर और कांग्रेस के दिग्विजय सिंह के बीच है। इस सीट के नतीजे पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं। तीसरे चरण में पिछले दो चरणों के मुकाबले वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी हुई है।

 शिवराज की बुदनी प्रदेश में अव्वल!

लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की मतदान प्रक्रिया पूरी होने के बाद अब तक प्रदेश की 21 सीटों पर निर्वाचन संपन्न हो गया है। दो चरणों के मुकाबले तीसरे चरण में मतदान प्रतिशत में इजाफा देखा गया। मतदान प्रतिशत के अधिकारिक आंकड़े सामने आने के बाद संभवत माना जा रहा है कि अब तक हुई मतदान प्रक्रिया में मप्र के पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान की विदिशा संसदीय क्षेत्र से जुड़ी सीहोर जिले की बुदनी सीट पर सर्वाधिक मतदान हुआ है।  इस सीट से पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में विधायक है। विदिशा संसदीय क्षेत्र से प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में उम्मीदवार है, और वे पहले भी इस सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं। विदिशा संसदीय क्षेत्र से भाजपा उम्मीदवार शिवराज सिंह चौहान सीहोर जिले से ताल्लुक रखते हैं और वह सीहोर जिले की बुदनी सीट से वर्तमान में विधायक हैं। विदिशा संसदीय क्षेत्र की बात की जाए तो मंगलवार को संपन्न मतदान के बाद जो अधिकारिक आंकड़े सामने आए, उसके मुताबिक सीहोर जिले की बुदनी विधानसभा क्षेत्र में सर्वाधिक 79.44 प्रतिशत मतदान हुआ हैए जो विदिशा संसदीय क्षेत्र के अंतर्गत आती है।  माना जा रहा है कि यह मतदान प्रतिशत संभवत अब तक तीन चरणों में हुए प्रदेश की 21 सीटों में किसी विधानसभा में पड़े सर्वाधिक वोट हैं। वहीं विदिशा संसदीय क्षेत्र में सीहोर जिले की इछावर विधानसभा सीट भी शामिल हैं और इस सीट पर लंबे समय से प्रदेश के राजस्व मंत्री करण सिंह वर्मा प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। इछावर विधानसभा में भी मतदान प्रतिशत काफी ज्यादा रहा है। यहां भी करीब 78.22 प्रतिशत मतदान हुआ है, इसे भी प्रदेश में दूसरी सर्वाधिक मतदान करने वाली विधानसभा सीट के रूप में देखा जा रहा है।