बीजापुर: छत्तीसगढ़ में पुलिस बल ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया. पुलिस बल ने एक ही दिन में 30 नक्सलियों को मार गिराया है. उनकी पहचान की जा रही है. इस ऑपरेशन को अंजाम देने से पहले माओवादियों के बीच रहने वाले एक नक्सली ने जवानों को पूरी जानकारी दी थी. इस नक्सली द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पुलिस बल ने योजना तैयार की और इस ऑपरेशन को अंजाम दिया. माना जा रहा है कि इस ऑपरेशन में उक्त नक्सली की बड़ी भूमिका थी. इस नक्सली ने माओवादियों की गुप्त योजना बताई और उसी योजना के अनुसार यह दूसरा बड़ा ऑपरेशन सफल रहा. मोस्ट वांटेड नक्सली ने बताई थी योजना: इस ऑपरेशन में पुलिस बल ने 30 नक्सलियों को मार गिराया है. इस सफल ऑपरेशन का जिम्मा एक नक्सली का था. जिस पर सरकार ने 8 लाख रुपये का इनाम रखा था. उक्त नक्सली ने सरेंडर कर दिया है. सरेंडर करने के बाद उसने पुलिस बल को पूरे ऑपरेशन के बारे में बताया. सरेंडर करने वाला नक्सली डीवीसीएम कैडर का था और गंगालूर एरिया कमेटी में सक्रिय था। सरेंडर करने वाला नक्सली 100 से ज्यादा जवानों की हत्या में शामिल रहा है। अब वह पुलिस बल का मददगार बन गया है। एसपी ने बताया कि माओवादी कमांडर दिनेश मोडियाम के सरेंडर के बाद यह पहली बड़ी कार्रवाई है। मोडियाम गंगालूर इलाके में नक्सलियों का लीडर रहा है और उनका नेतृत्व करता था।

मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद

गुरुवार 21 मार्च को हुए नक्सल ऑपरेशन में डीआरजी का एक जवान भी शहीद हो गया। बीजापुर-दंतेवाड़ा की सीमा पर एंड्री के जंगल में हुई मुठभेड़ में एक जवान शहीद हो गया। वहीं, कांकेर-नारायणपुर जिले में पुलिस बल ने चार नक्सलियों को मार गिराया। बीजापुर में 26 नक्सली मारे गए। दो जगहों पर चल रहे ऑपरेशन में कुल 30 नक्सली मारे गए।

80 दिनों में 113 नक्सली मारे गए

राज्य में भाजपा सरकार बनने के बाद नक्सल ऑपरेशन तेज हो गया है। इसके चलते बस्तर के नक्सल प्रभावित जिलों में हर दिन मुठभेड़ हो रही है। अगर पिछले तीन महीने के 80 दिनों की बात करें तो 113 नक्सली मारे गए हैं। अगर पिछले एक साल की बात करें तो बस्तर इलाके में एक साल में अब तक 287 नक्सली मारे गए हैं।