तराना स्थित तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर पहुंचे सीएम मोहन, प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की करी कामना

इंदौर: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तराना के प्राचीन तिल भांडेश्वर महादेव मंदिर में पूजा-अर्चना की, जहां सीएम ने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। देव दर्शन के बाद मोहन यादव ने कार्यक्रमों में आए संतों का सम्मान किया और उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लिया। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि सनातन दुनिया का एकमात्र ऐसा धर्म है, जो प्रकृति को अपने में समाहित करता है। उन्होंने कहा कि सनातन को समझने के लिए संतों के जीवन और अनुभवों को समझना जरूरी है।
भव्य बनाया जाएगा मंदिर- CM मोहन
पूजा-अर्चना के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव ने तिल भांडेश्वर मंदिर को धार्मिक लोक के रूप में विकसित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार उज्जैन को धार्मिक-सांस्कृतिक केंद्र के रूप में स्थापित करने का प्रयास कर रही है। राज्य सरकार गौशालाओं के लिए विशेष प्रावधान कर रही है। सभी गौशालाओं में एक गाय के लिए 40 रुपये प्रतिदिन का अनुदान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि संत ही सनातन की धुरी हैं। सनातन धर्म संतों और ऋषियों के मार्गदर्शन में काम करता रहा है।
सिंहस्थ-2028 के लिए साधु-संतों को आमंत्रण- सीएम
उन्होंने उज्जैन में होने वाले सिंहस्थ-2028 के लिए साधु-संतों को आमंत्रित किया। सिंहस्थ 2028 के लिए साधु-संतों को उज्जैन में स्थायी निर्माण की अनुमति भी दी जाएगी, ताकि साधु-संतों को किसी तरह की परेशानी न हो। सीएम यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार सभी तरह की व्यवस्थाएं कर रही है। इस बार का सिंहस्थ अभूतपूर्व और अलौकिक होगा। हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया है कि क्षिप्रा नदी में बारिश का पानी बहेगा, ताकि हर घाट पर श्रद्धालु क्षिप्रा जी के जल से स्नान कर सकें। दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए 10 या उससे अधिक गाय पालने वाले व्यक्ति को अनुदान दिया जाएगा। इसके अलावा सीएम ने मध्य प्रदेश के उन स्थानों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने की घोषणा की, जहां भगवान कृष्ण ने अपनी लीलाएं की थीं।
तिल भांडेश्वर महादेव मंदिर की विशेताएं
मध्य प्रदेश में स्थित श्री तिल भांडेश्वर महादेव मंदिर करीब 700 साल पुराना है। साथ ही इस मंदिर में विराजमान शिवलिंग भी चमत्कारी है। दरअसल, शिवलिंग की जलाधारी में 24 घंटे पानी रहता है। इसके अलावा यह शिवलिंग हर साल एक तिल के आकार में बढ़ता है। जब देवाधिदेव महादेव शिवलिंग के रूप में प्रकट हुए थे, तब वे छोटे स्वरूप में थे, लेकिन अब भोले बाबा का आकार बड़ा हो गया है। आपको बता दें कि हर साल शिवलिंग एक तिल के आकार में बढ़ता रहता है।