नर्मदापुरम: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघ और वन्य जीव गणना के लिए दूसरे चरण के तहत जंगलों में कैमरे लगाने का काम शुरू हो गया है। पहले चरण में फरवरी से मार्च तक पचमढ़ी पिपरिया में इन्हें लगाकर वन्य जीवों का ब्योरा कैमरे में कैद किया गया था। अब दूसरे चरण में इटारसी, तवानगर और बोरी में इन्हें लगाने का काम शुरू हो गया है। इसकी मदद से 22 अप्रैल तक रिजर्व क्षेत्र में जानवरों की गणना की जाएगी।

पिछली गणना के अनुसार रिजर्व क्षेत्र में वर्तमान में 62 बाघ हैं

एसटीआर और पेंच टाइगर रिजर्व के करीब 800 कैमरों की मदद से गणना कर वन्य जीवों की पहचान कर डेटा भेजा जाएगा। इससे रिजर्व क्षेत्र में जानवरों की संख्या जानने में मदद मिलेगी। पिछली गणना के अनुसार रिजर्व क्षेत्र में वर्तमान में 62 बाघ हैं। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की फील्ड डायरेक्टर राखी नंदा ने बताया, "हम हर साल सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में कैमरा ट्रैपिंग का काम करवाते हैं। इसे फेज फोर सेंसस कहते हैं। इसमें हम आंकलन करते हैं। चूंकि एसटीआर का क्षेत्र बड़ा है, इसलिए हम इसे दो चरणों में करते हैं। सबसे पहले पचमढ़ी और पिपरिया वाला हिस्सा फरवरी से मार्च तक 25 दिनों में पूरा हो चुका है। मार्च में वहां से फिर कैमरे निकालकर सोहागपुर और इटारसी, बोरी सब डिवीजन में लगाए जाएंगे। यह सेंसस 25 दिनों तक चलेगी।" उन्होंने बताया, "हमारे पास करीब 650 कैमरे हैं। पेंच टाइगर रिजर्व से भी कैमरे आए हैं। इस बार 750 से 800 कैमरे लगाए जाएंगे। इसमें एक कैमरे के आगे दूसरा कैमरा लगाया जाता है, दो दिशाओं में कैमरे लगाए जाते हैं, ताकि दोनों तरफ जानवर की धारियां कैद हो सकें।" 

20 अप्रैल तक पूरा हो जाएगा ट्रांजेक्ट लाइन सर्वे

उन्होंने बताया, "ट्रांजेक्ट लाइन सर्वे में हमें कई बार प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष साक्ष्य मिल जाते हैं। कैमरा ट्रैप में हम सुनिश्चित हो जाते हैं कि कौन सा बाघ किस क्षेत्र में घूम रहा है। हर बाघ की धारियां दूसरे बाघ से अलग होती हैं। यहां कितने बाघों की फोटो खींची गई है, इसका रिकॉर्ड हमारे पास है। 20 अप्रैल तक 22 दिन में सर्वे पूरा हो जाएगा।" "ऑल इंडिया टाइगर एस्टीमेशन होता है और हम हर साल करते हैं। इसके अनुसार बाघों की संख्या 62 थी, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं। इसके जरिए सिर्फ बाघों का अध्ययन होता है। ट्रांजेक्शन सर्वे में बाकी शाकाहारी जानवरों को देखा जाता है।