मोहन यादव का फैसला और खत्म हुए बेरोजगार, एक बैन से एमपी हुआ अन एम्प्लॉयमेंट मुक्त!
भोपाल: मध्य प्रदेश में बेरोजगारों के नए नामकरण आकांक्षी युवा पर सियासी बवाल खड़ा हो गया है. कांग्रेस सवाल उठा रही है कि क्या आकांक्षी युवा कह देने से बेरोगजार नौजवान का रोजगार का संकट हल हो जाएगा. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का कहना है कि " अब मध्य प्रदेश में बेरोजगार नौजवानों को आकांक्षी युवा कहा जाएगा. सरकार के इस नामकरण के पीछे सकारात्मकता की सोच है." मुख्यमंत्री ने कहा, " अब प्रदेश में नौजवानों को उद्यम से और स्वावलम्बी बनाकर रोजगार से जोड़ा जाएगा. 21 लाख नौजवानों को रोजगार प्राप्त होगा."
बेरोजगार से आकांक्षी युवा, बदलेगा क्या क्या?
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुताबिक मध्य प्रदेश में बेरोजगारी का हल केवल सरकारी नौकरियों से नहीं निकल सकता है. उनका कहना है कि "सरकारी नौकरियों में सीमित प्रतिशत है, जहां इन युवाओं के रोजगार का हल नहीं निकाला जा सकता. लेकिन उद्यम के जरिए और रोजगार सृजित करने वाला बनकर रोजगार के नए अवसर पैदा हो सकते हैं." उन्होंने कहा कि "जो अभी ग्लोबल इन्स्टर्स समिट भोपाल में हुई और उसमें 30 लाख करोड़ से अधिक के प्रस्ताव पास हुए हैं. इन प्रस्तावों से ये अनुमान है कि मध्य प्रदेश में आ रही बड़ी बड़ी कंपनियों के साथ 21 लाख से ज्यादा नए रोजगार खड़े होंगे. फार्मिंग अब नौजवानों के सामने नया मैदान है.
समस्या का नाम बदलने से समस्या हल कैसे होगी
कांग्रेस प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा, " ये बात समझ से परे है कि किसी समस्या का नाम बदल देने से होगा क्या?, क्या ये समस्या हल हो जाएगी. मतलब सरकार सच्चाई से सामना करना ही नहीं चाहती है. दिसम्बर से अभी तक बेरोजगारों की संख्या में बढ़ी ही है. अब जीआईएस का झुनझुना हाथ में थमाया जा रहा है. आप बेरोजगार कहें या आकांक्षी युवा. नौजवान के हाथ में नौकरी होनी चाहिए थी, जिसमें नाकाम रही है बीजेपी की सरकार.
आकांक्षी युवाओं के सामने खुले संभावना के द्वार
भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल कहते हैं कि "आकांक्षी युवा एक सकारात्मक शब्द है. इसी सकारात्मक सोच से नौजवानों की बेहतरी के लिए आगे बढ़ रही है मोहन सरकार. सरकारी नौकरियों में जितनी संभावनाएं बनेंगी वह प्रयास तो है ही. सरकार का प्रयास ये है कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट बाद कैसे इन नौजवानों को देश की बड़ी कंपनियों में रोजगार मिले. ये नौजवान खुद अपना उद्यम खड़ा कर सकें. वे अपने कौशल से नए रोजगार सृजित कर सकें इतना सक्षम उन्हें बनाया जाएगा."
मध्य प्रदेश में बेरोजगारी की आंकड़ा
अगर मध्य प्रदेश में बेरोजगारी के आंकड़े को देखें तो 2024 जुलाई में मध्य प्रदेश में 25 लाख 82 हजार नौजवानों के पास रोजगार नहीं था. दिसम्बर तक ये आंकड़ा बढ़कर 26 लाख 17 हजार पर पहुंच गया और अब 2025 में मध्य प्रदेश के बेरोजगारों की संख्या करीब 29 लाख 36 हजार से ज्यादा है.