एनसीपी व कांग्रेस से गठबंधन विचारधारा के खिलाफ : निहार ठाकरे
मुंबई । उद्घव ठाकरे के भतीजे निहार ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को ही शिवसेना का वस्तिविक उत्तराधिकारी बताया है। इस तरह से शिवसेना के संस्थापक बाला साहेब ठाकरे परिवार के सदस्य निहार ठाकरे ने नया बयान देकर अपने चाचा उद्धव ठाकरे को झटका दिया है। उन्होंने कहा कि एकनाथ शिंदे के साथ शिवसेना सही हाथों में हैं। निहार पिछले साल ही उद्धव की पार्टी से विद्रोह करके शिंदे कैंप को अपना समर्थन दे चुके हैं। वह महाराष्ट्र के वर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले ठाकरे परिवार के सदस्यों में से हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि जब 2019 में उद्धव ठाकरे ने एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन किया तो परिवार के भीतर घबराहट थी। मैं दूसरों से नहीं बोल सकता था लेकिन, परिवार ने इसे अच्छी तरह से स्वीकार नहीं किया था क्योंकि यह बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के खिलाफ था।
उद्धव ठाकरे के भतीजे निहार ठाकरे ने एक साक्षात्कार में बताया कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के साथ गठबंधन करने के शिवसेना के फैसले से नाराज थे। उद्धव के कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन करने के फैसले के बाद परिवार के भीतर घबराहट थी। मैं दूसरों के लिए नहीं बोल सकता, लेकिन हमारे परिवार के भीतर इसे अच्छी तरह से स्वीकार नहीं किया गया क्योंकि यह (पार्टी संस्थापक) बालासाहेब की विचारधारा के खिलाफ था। यह तब है जब मैंने शिंदे का समर्थन करने का फैसला किया और कानूनी क्षेत्र में उनकी सहायता करना शुरू कर दिया। मेरी राय में, शिंदे के साथ शिवसेना सही हाथों में है।
बता दें कि निहार उद्धव ठाकरे के दिवंगत बड़े भाई बिन्दुमाधव के बेटे और पेशे से वकील हैं। चुनाव आयोग और सुप्रीम कोर्ट में भी उद्धव खेमे के खिलाफ लड़ने की कानूनी रणनीति में वो शामिल रहे। निहार ने कहा कि कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाने के फैसले का विरोध करने के लिए वह या उनका परिवार ज्यादा कुछ नहीं कर सकता। हमें जानबूझकर पार्टी के मामलों से दूर रखा गया है। हम उद्धव के फैसले से चौंक गए थे, क्योंकि अगर बालासाहेब जीवित होते तो वे कभी भी इसकी अनुमति नहीं देते। हालांकि मैं बचपन से ही शिवसेना के भीतर सक्रिय नहीं रहा हूं। मेरे दादा (बाल ठाकरे) के साथ बातचीत की और वह एनसीपी या कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने के सख्त खिलाफ थे।