टैक्स पेयर्स के लिए आया बड़ा अपडेट, इनकम टैक्स ने किए 5 बदलाव....
अगर आप हर साल की तरह इस साल भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने जा रहे हैं या पहली बार आपको आईटीआर फाइल करना है तो पहले यह खबर पढ़ लीजिए. इस बार इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से कुछ बदलाव और अपडेट किए गए हैं, जिनके बारे में टैक्स पेयर्स को पता होना चाहिए. सही तरीके से आईटीआर फाइल करने से पहले आपको इन बदलावों के बारे में पता होना जरूरी है. लेटेस्ट अपडेट नहीं होने पर गलतियों की संभावना बढ़ जाती है, जिससे भविष्य में आपको परेशानी हो सकती है.
डिजिटल करेंसी से आमदनी
डिजिटल करेंसी यानी क्रिप्टो के ट्रांसफर से होने वाली आमदनी पर 30 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है. इसके साथ ही सरचार्ज और सेस भी देना होगा. यह ध्यान रखना जरूरी है कि इस तरह से होने वाली आमदनी पर किसी भी खर्च की कटौती का लाभ नहीं मिलता. इस तरह की आमदनी पर आप आईटीआर-1 या आईटीआर-4 फाइल नहीं कर सकते. इस तरह की आमदनी पर आईटीआर-2 या आईटीआर-3 फॉर्म भरा जा सकता है.
न्यू टैक्स रिजीम
सेक्शन 115BAC के तहत ऑप्शनल टैक्स रिजीम चुनने का ऑप्शन है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साल 2023 का बजट पेश करते हुए न्यू टैक्स रिजीम के तहत टैक्स पेयर्स को रहत दी थी. हालांकि सरकार की तरफ ओल्ड टैकस रिजीम में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया था.
80G के तहत कटौती का दावा
अगर आप सेक्शन 80G के तहत कटौती का दावा कर रहे हैं तो दान की रसीद और फॉर्म 10BE में दान प्रमाण-पत्र उपलब्ध होना जरूरी है. कटौती का दावा करने के लिए, टैक्स पेयर को आईटीआर फॉर्म में लागू 'अनुसूची 80 G' में अपने दान के बारे में जानकारी देनी होगी. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि दान के बारे में सही टेबल में जानकारी दी गई है. इस वित्तीय वर्ष में 'टेबल डी' में नया कॉलम जोड़ा गया है.
इंट्राडे ट्रेडिंग टर्नओवर के बारे में जानकारी
इंट्राडे ट्रेडिंग से होने वाले फायदे या नुकसान के बारे में भी जानकारी देनी होगी. इस साल के आईटीआर फॉर्म में एक स्पेशल सेक्शन पार्ट-A ट्रेडिंग खाता शामिल है. यहां आपको अपनी इंट्राडे ट्रेडिंग से जुड़ी गतिविधियों के बारे में अलग से जानकारी देना जरूरी है. आईटीआर फॉर्म में इंट्राडे ट्रेडिंग के टर्नओवर और इससे होने वाली आमदनी जैसा विवरण देने की आवश्यकता है.
सेक्शन 89A राहत का दावा
सेक्शन 89A अधिकारियों की तरफ से निर्दिष्ट देश में आयोजित सेवानिवृत्ति लाभ खातों से इनकम पर टैक्स से राहत प्रदान करता है. यदि किसी व्यक्ति ने इस तरह की राहत का दावा किया है तो उन्हें शेड्यूल सैलरी में सही जानकारी देनी होगी.