एक शाम, सृजन के नाम
नागपुर: रविवार को 'सृजन बिंब' प्रकाशन, नागपुर के ७ वें स्थापना दिवस समारोह में 'पुस्तक संस्कृति - सुनहरा भविष्य' विषयांतर्गत प्रबुद्ध वक्ताओं ने विमर्श किया। 'पावन परम्परा' के संपादक प्रसिद्ध आयुर्वेदाचार्य डाॅ. गोविंद प्रसाद उपाध्याय की अध्यक्षता में मुख्य अतिथि डाॅ. शुचिस्मिता मिश्रा के मुख्य आतिथ्य में सृजन बिंब प्रकाशन द्वारा प्रकाशित सात पुस्तकों के लोकार्पण के साथ यह आयोजन सफलतापूर्वक सम्पन्न हुआ। आयोजन में मिलेट्स: द पास्ट फूड थेरेपी- गायत्री वात्सल्य, जीवन के इन्द्रधनुषी रंग - कुंवर इन्द्रजीत सिंह, नहीं मुए ने पायी मूँछ (कह मुकरिया) - सुधा राठौर, चैत की फुहारें - डाॅ.बबीता गुप्ता, एक और एक बारह - डाॅ. आभा सिंह (संपादन), मेरा चम्मच किसने चुराया एवं लेफ्ट राइट एंड स्ट्रेट - संदीप अग्रवाल की कृतियाँ लोकार्पित हुईं।
आयोजन में आमंत्रित प्रमुख वक्ताओं क्रमश: राकेश भैया, अनिल त्रिपाठी, सुनील सोनी, पुष्पेन्द्र फाल्गुन, डाॅ. आभा सिंह, डाॅ. ज्योति गजभिये और संदीप अग्रवाल ने पुस्तक के सुनहरे भविष्य को लेकर अपने वक्तव्य से सभागार में उत्साह भर दिया। कार्यक्रम की प्रस्तावना 'सृजन बिंब प्रकाशन' की निदेशक रीमा दीवान चड्ढा ने दी। आभार प्रकाशन के सह निदेशक राजेश नामदेव ने व्यक्त किया। सरस्वती वंदना स्वाति सेमेश पैंतिया ने प्रस्तुत की। मंच संचालन माधुरी मिश्रा "मधु" ने किया ।