अराइजिंग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट नेटवर्क (आमेन), बीते वर्षों में चलाए गए अपने ऑनलाइन सिटिजन जर्नलिज्‍म ट्रेनिंग प्रोग्राम मिशन मोजो को अब और अधिक विस्‍तार देते हुए, दिसंबर माह से एक नया मीडिया ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू करने जा रहा है। इसमें परंपरागत और न्‍यू एज मीडिया का विधिवत प्रशिक्षण दिया जाएगा।

तीन माह की ड्यूरेशन वाला यह सर्टिफिकेट कोर्स न सिर्फ पत्रकार बनने के इच्‍छुक युवाओं के लिए काफी मददगार साबित होगा, बल्कि पहले से पत्रकारिता कर रहे व्‍यक्तियों को भी अपस्किल होने में उपयोगी साबित होगा। इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में प्रतिभागियों को सिखाया जाएगा कि वे अपने इंस्‍टाग्राम चैनल, फेसबुक पेज, यूट्यूब चैनल, स्‍नैपचेट, टि्वटर अकाउंट कैसे पॉपुलर और मोनेटाइज कर सकते हैं, वे कैसे इन्‍फ्लुएंसर बनकर तेजी से शोहरत और पैसा कमा सकते हैं या बहुत कम पैसा खर्च कर कैसे अपना खुद का न्‍यूज पोर्टल या एप्‍प बना सकते हैं। इसके अलावा इसमें रिपोर्टिंग, न्‍यूज राइटिंग, कॉपी राइटिंग, कंटेंट राइटिंग, स्‍टोरी टेलिंग, डॉक्‍यूमेंट्री मेकिंग, शॉर्ट फिल्‍म बनाने जैसी परंपरागत कलाओं का भी प्रशिक्षण दिया जाएगा। खासकर, यह ऐसे युवाओं के लिए काफी मददगार साबित होगा, जो न्‍यू एज मीडिया और एआई जैसी चीजों से जुड़कर अपना खुद का व्‍यवसाय शुरु करना चाहते हैं।

साथ ही जो लोग राजनीति से जुड़कर देश और जनता की सेवा करना चाहते हैं, उनके लिए भी इस कोर्स में खास चैप्‍टर रखे गए हैं कि वे कैसे मीडिया टूल्‍स का इस्‍तेमाल अपनी सफलता सुनिश्चित करने में कर सकते हैं। इसमें बताया जाएगा कि मीडिया की मदद से वे कैसे प्रसिद्धि प्राप्‍त कर सकते हैं, कैसे दूसरों की सहायता कर सकते हैं और कैसे राष्‍ट्र व समाज के विकास में अपना योगदान दे सकते हैं। इसमें उन्‍हें लोगों के साथ कैसा व्‍यवहार करना चाहिए, वे अपना टाइम मैनेजमेंट कैसे कर सकते हैं, नए दौर के मीडिया टूल्‍स का कैसे अधिकतम लाभ उठा सकते हैं।

अराइजिंग मीडिया एंड एंटरटेनमेंट नेटवर्क के सीईओ संदीप अग्रवाल से जब पूछा गया कि मार्केट में पहले से ही बहुत सारे जर्नलिज्‍म ट्रेनिंग प्रोग्राम चल रहे हैं, ऐसे में एक और कोर्स की क्‍या जरूरत है। इस पर उन्‍होंने बताया कि इस समय लोगों में मीडिया को लेकर बहुत नकारात्‍मकता वाला माहौल है। इस कोर्स के जरिए मीडिया लिटरेसी का प्रचार किया जाएगा, जिससे लोगों को मीडिया की चुनौतियों और असली स्थिति के बारे में जानने का मौका मिलेगा। साथ ही इसे इस तरह डिजाइन किया गया है कि इस कोर्स को करने के बाद जो छात्र मीडिया में आएंगे, वे मीडिया को और अधिक रिस्‍पॉन्सिबल और संवेदनशील बनाने में मदद करेंगे।

जनम कोर्स किस तरह से दूसरे जर्नलिज्‍म कोर्सों से अलग है? इस प्रश्‍न के उत्‍तर में श्री अग्रवाल का कहना था कि अधिकतर कोर्स पारं‍परिक मीडिया की जरूरतों को ध्‍यान में रखकर ही डिजाइन किए जाते हैं। जबकि मीडिया की दुनिया पिछले पॉंच सालों में बहुत बदल चुकी है। ऐसे में भविष्‍य में पत्रकार बनने का सपना देखने वाले युवाओं और जो अभी पत्रकारिता कर रहे हैं, उन्‍हें भी, इन बदलावों के हिसाब से तैयार रहना बहुत जरूरी है। अग्रवाल ने बताया कि जनम पाठ्यक्रम में ट्रेनिंग के दौरान वर्क एक्‍सपीरिएंस की भी व्‍यवस्‍था की गई है। पार्टिसिपेंट्स को अराइजिंग मीडिया द्वारा चलाए जा रहे खबर नेक्‍स्‍ट, जिंदगी नेक्‍स्‍ट और सिमोर (सिटिजन ऑफ मोबाइल रिपब्लिक) जैसे प्रोजेक्‍ट्स के साथ काम करने का मौका मिलेगा। कोर्स को सफलतापूर्वक पूरा करने के बाद उन्‍हें सर्टिफिकेट, एक्‍सपीरिएंस लेटर और आईडी कार्ड प्रदान किया जाएगा। साथ ही उन्‍हें पत्रकार एवं लेखक संघ की एक वर्ष की सदस्‍यता भी नि:शुल्‍क प्रदान की जाएगी।

इस कोर्स में हिस्‍सा लेने के इच्‍छुक व्‍यक्ति इस लिंक पर क्लिक करें।

जर्नलिज्‍म एंड न्‍यू एज मीडिया में सर्टिफिकेट प्रोग्राम (FAQs)