जस्टिस भादुड़ी ने लिया संज्ञान, सख्त कार्रवाई के दिए निर्देश
बिलासपुर । कोंडागांव जिले के स्कूली छात्रों के हांथ में खौलता हुआ तेल डालने के मामले को जस्टिस गौतम भादुड़ी ने संज्ञान में लिया है। उन्होंने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला न्यायाधीश कोंडागांव को निर्देशित किया है की छात्रों को शासन की योजना अनुसार आर्थिक सहायता उपलब्ध कराए और दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करें। माकड़ी ब्लॉक के केरावाही मिडिल स्कूल के 25 छात्रों की हथेली में सजा के तौर पर खौलता हुआ तेल डाला गया था जिससे उनके हांथ में फफोले पड़ गए थे।
पिछले दिनों सोसल मीडिया के अलावा समाचार पत्रों में केरावाही मिडिल स्कूल में इस बर्बरता पूर्वक दी गई सजा का समाचार अखबारों में प्रकाशित हुआ था। इसे ही आधार बनाकर राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (सालसा) के कार्यपालक अध्यक्ष जस्टिस गौतम भादुड़ी ने स्वयं संज्ञान लेते हुए सालसा के सदस्य सचिव आनंद प्रकाश वारियाल के माध्यम से दोषियों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही करने के लिए खा है। साथ ही सालसा द्वारा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, कोण्डागांव के जिला न्यायाधींश/अध्यक्ष को जिला प्राधिकरण के सचिव के माध्यम से पीडि़त छात्रों को उनके परिजनों के माध्यम से उनके विधिक अधिकारों की जानकारी देने तथा विधिक सहायता, सलाह उपलब्ध कराने के लिए भी खा है। इसके अलावा शासन की योजना के अनुरूप आर्थिक सहायता हेतु समुचित क्षतिपूर्ति राशि दिलवाये जाने और दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किया है। प्रथम दृष्टया अपराध प्रकट होने पर दोषियों के विरूद्ध विधि अनुसार उचित कार्यवाही अनिवार्य रूप से करने के निर्देश दिये है। साथ ही स्कूलों, छात्रावासों में बच्चों/छात्रों के प्रति बर्बरतापूर्वक व्यवहार की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए न्यायाधीशों, पैरालीगल वॉलिटियर्स एवं स्वयं सेवी संस्थाओं के सहयोग से व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश भी दिये हैं।
ये है पूरा मामला- ये पूरा मामला कोंडागांव जिले के माकड़ी ब्लॉक का है। ग्राम पंचायत केरावाही के शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला केरावाही में एक बच्ची की गलती की सजा 25 बच्चियों को भुगतना पड़ा। बताया जा रहा है कि 7 दिसंबर को शाला लगने के बाद किसी बच्चे ने शौचालय के आसपास शौच करके गंदा कर दिया था। इसे देखने के बाद पूछताछ की गई। हालांकि किसी बच्चे ने स्वीकार नहीं किया तो स्कूल मॉनिटर ने 25 लड़कियों के हथेली पर खौलता हुआ गरम तेल डाल दिया। इससे कुछ बच्चों के हथेली पर फफोले निकल आए। जांच टीम के प्रतिवेदन के आधार पर शाला के स्वीपर डमरूराम को बर्खास्त कर दिया गया है। जोहरी मरकाम, पूनम ठाकुर, मिताली वर्मा को निलंबन कार्रवाई के लिए जेडी कार्यालय जगदलपुर की ओर पत्र प्रेषित किया गया।
परिजनों का फूटा गुस्सा: इधर, मामले की जानकारी के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा। परिजनों ने इसकी शिकायत अधिकारियों से की। परिजनों का आरोप है कि, मासूम बच्चों को शिक्षकों द्वारा जलाया गया है. बच्चों के हाथ में फफोले पड़ गए हैं। सभी बच्चों को गर्म तेल से जलाया गया है। जांच करके दोषियों पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। स्कूल में हमारे बच्चे सुरक्षित नहीं है।