गोविज्ञान आधारित अनुसंधान एवं पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को बढ़ावा देने हेतु महत्त्वपूर्ण कदम

नागपुर।  शनिवार को यहॉं  वनामती परिसर में गोविज्ञान केंद्र, देवलापार द्वारा आयोजित “रुग्नानुभव कार्यक्रम” के अवसर पर कमला नेहरू कॉलेज ऑफ फार्मेसी, बुटीबोरी, नागपुर और गोविज्ञान केंद्र, देवलापार के बीच एक महत्त्वपूर्ण सहयोग पत्र (MOU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह एमओयू पारंपरिक गोचिकित्सा, गोउत्पादों पर आधारित औषध निर्माण, शोधकार्य एवं नवाचार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से किया गया।

इस विशेष कार्यक्रम में गोविज्ञान केंद्र के अध्यक्ष श्री पद्मेश गुप्ता, सचिव श्री सनत्कुमार गुप्ता, तथा संस्था के सदस्य श्री संजय वाते और श्री अमित वाजपेयी की गरिमामयी उपस्थिति रही। वहीं कॉलेज की ओर से प्राचार्य डॉ. जगदीश बाहेती, डॉ. मनीष कांबले, डॉ. नितिन पडोले एवं डॉ. पंकज धापके उपस्थित थे।

यह एमओयू दोनों संस्थाओं के बीच अनुसंधान, प्रशिक्षण, औषध निर्माण, इंटर्नशिप और छात्र परियोजनाओं के क्षेत्र में संयुक्त प्रयासों का मार्ग प्रशस्त करेगा। विशेष रूप से, गोविज्ञान केंद्र द्वारा उत्पादित औषधियों पर आधारित चिकित्सकीय अनुभवों को फार्मेसी छात्रों के माध्यम से वैज्ञानिक रूप से दस्तावेजीकृत करने में यह सहयोग अत्यंत उपयोगी सिद्ध होगा।

कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जगदीश बाहेती ने इसे विद्यार्थियों के लिए एक बहुमूल्य अवसर बताते हुए कहा कि यह साझेदारी न केवल अकादमिक गुणवत्ता को बढ़ावा देगी, बल्कि भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों को वैज्ञानिक आधार देने की दिशा में भी एक सकारात्मक पहल है।

इस अवसर पर कॉलेज का संचालन करने वाली संस्था – अमर सेवा मंडल, नागपुर की ओर से भी इस एमओयू हेतु हार्दिक शुभकामनाएं प्रकट की गईं। अमर सेवा मंडल की अध्यक्ष डॉ. (श्रीमती) सुहासिनी वंजारी, सचिव एडवोकेट अभिजीत वंजारी (सदस्य, विधान परिषद, महाराष्ट्र) तथा कोषाध्यक्ष डॉ. स्मिता वंजारी ने इस सहयोग को विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और समाज के लिए लाभकारी बताते हुए आशा व्यक्त की कि इस साझेदारी के माध्यम से पारंपरिक चिकित्सा और आधुनिक विज्ञान का सुंदर समन्वय स्थापित होगा।

कार्यक्रम में अनेक गणमान्य उपस्थित थे, और गो आधारित औषधियों के सकारात्मक रुग्नानुभवों की प्रस्तुति भी दी गई, जिसे श्रोताओं ने अत्यंत सराहा।