ऐसी बारिश की ख्वाहिश कौन करे.....!!

(image courtesy : https://www.pexels.com/de-de/@guvo/)
" झिलमिल सितारों का आंगन होगा
रिमझिम बरसता सावन होगा
ओ बरखा रानी ज़रा जम के बरसो
मेरा दिलबर जा न पाए झूम के बरसों "
बारिश के मौसम में इस तरह के कुछ पुराने और
बहुश्रुत फ़िल्मी नगमों की याद बरबस आ ही जाती है
लेकिन,जुलाई 2025 की बारिश याद आती है
तो वाकई सबको नानी याद आ जाती है
और,याद आ जाता है 2023 का सितम्बर भी
जब संतरा नगरी नागपुर
की सीमेंट रोड
पर भी चलने लगी थी SDRF NDRF की नाव
किसी को नहीं मिल
रहा था कोई ठांव
महंगी गाड़ियां पानी में हिचकोले खाते हुए तैर रही थीं
लेकिन उसमें कोई सवार भी नहीं था.
बीमा कंपनियों ने नकार दिया था मुआवज़ा देने से
झोपड़ी वालों की तो बात ही नहीं
बड़े - बड़े आलीशान बंगले भी नही थे महफूज़
लेकिन,अपनी सुविधा से सब कुछ भूल कर
उसकी अनदेखी करने वाले हम लोग
फ़िर इस दफ़ा भी फंसे उसी तबाही में
कुछ रातें कटीं खौफ़नाक सियाही में
अतिक्रमण का लालच और प्लास्टिक-प्रेम
ले डूबेगा हमें
तबाह बर्बाद कर डालेगा
और,हम मॉडर्न लोग
सोशल मीडिया
पर उसकी फ़ोटो और वीडियो पोस्ट कर
खुद की पीठ थपथपाते फिरेंगे और
उस पर मिले लाइक्स और कमेंट्स
को अपनी उपलब्धि बतायेंगे.
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड को
खंड - खंड होते देखना हमारी मज़बूरी है.
गुरुग्राम में भी न कोई गुरु बचा,न ग्राम
प्रकृति से पंगा,
क्यों है यह संग्राम
हर साल हम झेलते हैं
उसका कोप और दुष्परिणाम
नैसर्गिक जंगल काट कर हम रोज़
खड़े कर रहे हैं कंक्रीट के नये जंगल
विश्व के सबसे शक्तिशाली देश अमरीका
के टेक्सास का नजारा ताज़ा है
यह और कुछ नहीं सो कॉल्ड आधुनिकता की अंधी दौड़
की सज़ा और महंगा खामियाजा है
इसलिए,हे भले लोगो
अब भी संभलो और
प्रकृति की शरण में जाओ
प्रकृति का आवरण है पर्यावरण
कम-से-कम अगली पीढ़ी के लिए तो उसे बचाओ
जग की बारिश सबने देखी
मन की ख्वाहिश देखे कौन !!
सत्येंद्र प्रसाद सिंह ,नागपुर
9422803922