डा. लोहिया जयन्ती की पहली खबर भूल बश पुरानी चली गई थी
बस्ती । स्वतन्त्रता संग्राम सेनानी, प्रखर चिन्तक समाजवादी विचारक डॉ. राम मनोहर लोहिया को उनके 112 वीं जयन्ती पर समाजवादी पार्टी कार्यालय पर आयोजित संगोष्ठी में बुधवार को याद किया गया। उनके चित्र पर माल्यार्पण करते हुये वक्ताओं ने कहा कि डॉ. लोहिया ने विश्व-नागरिकता का सपना देखा था। वह मानव-मात्र को किसी देश का नहीं बल्कि विश्व का नागरिक मानते थे। जनता को वह जनतंत्र का निर्णायक मानते थे।
डॉ. लोहिया को नमन् करते हुये विधायक राजेन्द्र चौधरी ने कहा कि वे मानव की स्थापना के पक्षधर समाजवादी थे। वह समाजवादी भी इस अर्थ में थे कि, समाज ही उनका कार्यक्षेत्र था और वह अपने कार्यक्षेत्र को जनमंगल की अनुभूतियों से महकाना चाहते थे। वे चाहते थे कि व्यक्ति-व्यक्ति के बीच कोई भेद, कोई दुराव और कोई दीवार न रहे। सब जन समान हो, सब जन का मंगल हो।
अध्यक्षता करते हुये पूर्व विधायक राजमणि पाण्डेय ने कहा कि डा. लोहिया के जीवन से युवा पीढी को प्रेरणा लेनी चाहिये कि किस प्रकार से उन्होने विषम परिस्थितियों में समाजवाद की अलख को जगाये रखा। विधान परिषद सदस्य एवं वर्तमान प्रत्याशी सन्तोष यादव ‘सन्नी’ ने कहा कि डॉ राम मनोहर लोहिया की दृष्टि में भारत को सुधारने और उसे प्रगति की राह पर लाने का एकमात्र रास्ता समाजवाद था उनके समाजवाद संबंधी विचारों का उल्लेख उनकी पुस्तकों में मिलता है। हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिये। विधायक कविन्द्र चौधरी अतुल ने कहा कि देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, छात्र-छात्राओं में हताशा की किरणें और आए दिन राजनीतिक परिदृश्य में परिवर्तन इस ओर इशारा करती हैं कि राम मनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा आज भी प्रासंगिक है।
समाजवादी चिन्तक चन्द्रभूषण मिश्र, बृजेश मिश्र, सिद्धेश सिन्हा, जावेद पिण्डारी आदि ने डा. लोहिया के जीवन वृत्त पर विस्तार से प्रकाश डालते हुये कहा कि वे सदैव हिंदू मुस्लिम एकता पर बल दिया करते थे । उनका मानना था कि सरकार चाहे लड़ती रहे मगर हिंदू और मुसलमानों को एक हो जाना चाहिए डॉक्टर लोहिया ने न्याय उदारता और दृढ़ता से हिंदू मुसलमानों के विनाश के कारणों को ढूंढने तथा उनका समाधान करने की प्रेरणा दी ।
गोष्ठी में मुख्य रूप से राजेन्द्र चौरसिया, मो. स्वालेह, अनीता सिंह, राजेश यादव, अमन राजभर, जहीर अंसारी, दाउद खान, अमित यादव, ज्ञानचन्द चौधरी, प्रवीण पाठक, जोखू लाल यादव, मो0 हारिश, प्रशान्त यादव, ज्ञानमती, गीता भारती, कल्लू मोदनवाल, पन्नालाल यादव, आमिर मेकरानी, मो. हाशिम, शहाबुद्दीन, रमेश गौतम, डा. वीरेन्द्र यादव, अवधेश यादव, बंटी प्रजापति के साथ ही सपा के अनेक पदाधिकारी, कार्यकर्ता शामिल रहे।