भारत के विभाजन के पहले गंगा-ब्रह्मपुत्र-मेघना का विशाल डेल्टा परिवहन का मुख्य मार्ग हुआ करता था। 70 प्रतिशत से अधिक माल का परिवहन इसी रास्ते से हुआ करता था। हालांकि अब यह घटकर दो प्रतिशत हो गया है। इस डेल्टा को साझा करने वाले भारत और बांग्लादेश मिलकर इसे पुराने स्वरूप में लाने की कोशिश कर रहे हैं। इससे लगभग 3,500 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में जहाजों का संचालन हो सकेगा। इससे भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान और म्यांमार के बीच भी संपर्क बढ़ेगा। एक अनुमान के अनुसार इससे लगभग 60 करोड़ लोग लाभान्वित होंगे।