मुंशी प्रेमचंद जयंती पर ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी

नागपुर। गुरुवार को कहानी सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी की १४५ वी जयंती के अवसर पर ग्लोबल जर्नलिस्ट एंड राइटर्स एसोसिएशन की ओर से 'मुंशी प्रेमचंद की कहानियों में निहित संदेश' पर ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी का विशेष आयोजन किया गया, जिसमें अलग-अलग जगहों से शामिल हुए साहित्य से जुड़े शिक्षाविदों ने प्रेमचंद जी की कहानियाँ  में मानवता और समाज के लिए मिले संदेशों पर चर्चा की.

ग्लोबल जर्नलिस्ट एंड राइटर्स एसोसिएशन द्वारा आयोजित इस ऑनलाइन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि  डॉ. सत्येंद्र प्रसाद सिंह जी ने प्रेमचंद की किताबों से मानव की संवेदना को आज की संवेदनशून्य हो रही पीढ़ी को सीखने की बात कही और पुस्तक संस्कृति को बचाने की पहल की आवश्यकता पर जोर दिया. कार्यक्रम अध्यक्ष श्री. उमेश चंद्र चतुर्वेदी  ने प्रेमचंद की कई कहानियों के उदाहरण देकर उनके विभिन्न दृष्टिकोणो की बात कही. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता विजय द्विवेदी ने प्रेमचंदजी के कहानियों में बालमनोविज्ञान और कहानियों के पात्रों के मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर चर्चा की. कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ कवयित्री, लेखिका व प्रकाशक श्रीमती रीमा चड्ढा ने किया.

कार्यक्रम में स्वागत भाषण एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.संदीप अग्रवाल ने दिया और आभार प्रदर्शन संगठन सचिव प्रा. सूरज तेलंग द्वारा किया गया. कार्यक्रम को सफल बनाने में उन्होंने श्रीमती रीमा चड्ढा को विशेष रूप से धन्यवाद दिया. कार्यक्रम में विशेष अतिथि वरिष्ठ पत्रकार व संपादक कुमार अतुलजी भी शामिल हुए.

इस कार्यक्रम में शिक्षा व साहित्य से जुड़े डेढ़ दर्जन से अधिक प्रतिभागियों ने प्रेमचंद जी की कहानियों पर चर्चा किए. इनमें माधुरी मिश्रा 'मधु,' प्रा. कविता पाझारे, डॉ. नीलम वीरानी, प्रा. हर्षद घाटोले, डॉ. अनीता वानखेडे, प्रा. गुड्डी परवीन खान, प्रा. पायल जायसवाल, डॉ. मनोरमा मिश्रा, एड.पराग अग्रवाल आदि की प्रस्तुतियाँ विशेष रूप से उल्लेखनीय रही. इस कार्यक्रम मे संगोष्ठी को सुनने के लिए कई दर्शक भी प्रमुखता से उपस्थित थे.